अस्पताल में ‘दलाली’, फर्श पर दिया बेटे को जन्म

उत्तराखंड में डॉक्टर न होने और नर्सों के कार्यबहिष्कार से गर्भवती महिला और तीमारदारों को सात घंटे व्यवस्था की मार झेलनी पड़ी। प्रसव पीड़ा पर देहात से पहुंची महिला को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया।

फर्श पर महिला ने दिया जन्म 
मौके का फायदा उठाने के लिए पति से कुछ दलालों ने अस्पताल में ही आपरेशन करवाने के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग कर दी। लेकिन असमर्थ होने पर पति गर्भवती को 108 की मदद से हरिद्वार महिला अस्पताल पहुंचे। जहां बाहर फर्श पर ही महिला ने बेटे को जन्म दे दिया।

थाना बुग्गावाला क्षेत्र के औरंगजेबपुर निवासी अशोक कुमार अपनी पत्नी अनीता को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार सुबह सात बजे रुड़की सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, वहां मौजूद स्टाफ ने महिला डॉक्टर के छुट्टी पर होने एवं नर्सों के कार्यबहिष्कार होने की बात करते हुए गर्भवती को अन्य कहीं ले जाने की बात कही।

108 ले जाने में असमर्थ
अशोक ने अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस के चालक से दूसरे अस्पताल चलने की बात कही। लेकिन उन्होंने तेल लीकेज की बात कहते हुए 108 ले जाने में असमर्थता जताई।

उसके बाद अशोक प्रसव पीड़ा से तड़पती अनीता को लेकर बाहर गैलरी में बैठ गए। वहां कुछ लोगों ने उससे 10 हजार रुपये की मांग की। मना किया गया तो वह 5 हजार रुपये देने पर अस्पताल में ही ऑपरेशन कराने की बात करने लगे।

प्रसव पीड़ा अधिक हुई तो दोपहर एक बजे 108 अनीता को लेकर हरिद्वार महिला अस्पताल लेकर पहुंची। चैकअप के बाद गर्भवती को भर्ती करने को कहा गया।

लेकिन मेला अस्पताल के बाहर फर्श पर ही अनीता ने बेटे को जन्म दे दिया। उसके बाद जच्चा-बच्चा को महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. भवानी पाल ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। रुड़की अस्पताल के सीएमएस डॉ. रविंद्र थपलियाल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं हैं। लेकिन यदि ऐसा हुआ है तो वह जांच कराएंगे। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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